Lekh Rachnaye
बुधवार, 4 मई 2016
समय नहीं है इन्सान पर घर से मन्दिर तक जाने का कामना रखता है श्मशान से सीधे स्वर्ग जाने का कर्म भूमि की दुनिया में श्रम सभी को करना पड़ता है भगवान सिर्फ लकीरें देता है रंग हमें ही भरना पड़ता है
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