Lekh Rachnaye
शुक्रवार, 6 मई 2016
हजारो फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए, हजारों दीपक चाहिए एक आरती सजाने के लिए.. हजारों बून्द चाहिए समुद्र बनाने के लिए, पर "माँ "अकेली ही काफी है.. बच्चो की जिन्दगी को स्वर्ग बनाने के लिए
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