रविवार, 15 मई 2016

छोटा सा जीवन है, लगभग 80 वर्ष।उसमें से आधा =40 वर्ष तो रात कोबीत जाता है। उसका आधा=20 वर्षबचपन और बुढ़ापे मे बीत जाता है।बचा 20 वर्ष। उसमें भी कभी योग,कभी वियोग, कभी पढ़ाई,कभी परीक्षा,नौकरी, व्यापार और अनेक चिन्ताएँव्यक्ति को घेरे रखती हैँ।अब बचा हीकितना ? 8/10 वर्ष। उसमें भी हमशान्ति से नहीं जी सकते ? यदि हमथोड़ी सी सम्पत्ति के लिए झगड़ा करें,और फिर भी सारी सम्पत्ति यहीं छोड़जाएँ, तो इतना मूल्यवान मनुष्य जीवनप्राप्त करने का क्या लाभ हुआ?स्वयं विचार कीजिये :- इतना कुछ होते हुए भी,1- शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी...👍मौन होना सब से बेहतर है। 2- दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी...👍सफेद रंग सब से बेहतर है। 3- खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी...👍उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है। 4-पर्यटन के लिए रमणीक स्थल होते हुए भी..👍पेड़ के नीचे ध्यान लगाना सबसे बेहतर है। 5- देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी...👍बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है। 6- सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी...👍अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है। 7- जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी...👍सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर है।

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