नारद जी ने ..नारायण नारायण करते हुए विष्णु लोक में....प्रवेश कियाविष्णु जी ने पूछा नारद तुम्हारे मुख मण्डल पर यह विषाद कैसा??,...ऐसी क्या बात है की तुम इतने दुःखी लग रहे हो??नारद जी बोले प्रभु में आप के विधान से दुखी हूँ...आपने पृथ्वी लोक पर भारत वर्ष के भाग्य में यह कैसा राजा लिख दिया है जिसका नाम मोदी है..जबसे यह राजा बना है...तब से भारत वर्ष में बहुत उत्पात मचा हुआ है ...आमजनो में त्राहिमाम् मचा हुआ है...।विष्णु जी मुस्कराए और उन्होंने नारद से कहा वो जो कोने में एक मर्तबान(डब्बा)..रखा हुआ है उसको उठाओ और उसका ढक्कन लगे रहने दो...और उसके तले को पूरा काट के अलग करदो।नारद जी ने विष्णु जी के कथन अनुसार डब्बे को उठा कर उसका तला काट दिया.....तले के कटते ही उसमे....निचे से पहले तो गोबर बाहर निकलने लगा....फिर..कीचड़ निकलने लगा..उसके बाद थोड़े से पत्थरफिर कांटे..बाहर निकले...उसके बाद...कुछ सुखी रोटीफिर कुछ अनाज निकलाआखरी में घी दूध निकलने लगा।नारद जी को कुछ समझ नही आया..उन्होंने पूछा प्रभु ये क्या है???विष्णु जी ने हंसते हुए जवाब दिया...किजो चीज इस डब्बे में जैसे क्रम में...भरी गई थी डब्बे का तला काटनेपर वो उसी क्रम में बाहर निकलने लगी....भारत वर्ष की दशा भी इस डब्बे की तरह ही हैमोदी के वहाँ का राजा बनने के बादविरोधियो ने भारत वर्ष के तले में छेद कर दिया हैइसलिए जो चीजे पिछले 67 सालो में जिस क्रम में भरी गई थी...वो उसी क्रम में बाहर आ रही है।ये जो तुम ..सब देख रहे हो...जैसे..दादरी...अख़लाक़......रोहित..वेमुला...आरक्षण के नाम पर तोड़ फोड़ लूटपाट...JNU ...अचानक जगह जगह से देश द्रोहियो का निकलना ...देश से गद्दारीये सब वहीँ कीचड़ गोबर...पत्थर ...कांटे...है जो 67 सालो में भरे गए है...इसलिए तले में छेद होने पर ये सबसे पहले बाहर आरहे है....और तुम जिस दूध और घी की कामना कर रहे हो...उसको निकलने में अभी समय लगेगाक्योकि पहले गन्दगी ही बाहर निकलेगी।नारद जी विष्णु जी के उत्तर से सन्तुष्ट होकर नारयण नारयण का उदघोष करते हुए पृथ्वी लोक की तरफ चले गए।
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