शनिवार, 7 मई 2016

तेरा मेरा करते एक दिन चले जाना है,जो भी कमाया यही रह जाना है !कर ले कुछ अच्छे कर्म,साथ यही तेरे जाना है !रोने से तो आंसू भी पराये हो जाते हैं,लेकिन मुस्कुराने से...पराये भी अपने हो जाते हैं !मुझे वो रिश्ते पसंद है,जिनमें " मैं " नहीं " हम " हो !!इंसानियत दिल में होती है, हैसियत में नही,उपरवाला कर्म देखता है, वसीयत नही

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें