मंगलवार, 17 मई 2016

Qकिसी शायर ने अपनी अंतिम यात्राका क्या खूब वर्णन किया है.....था मैं नींद में औरमुझे इतनासजाया जा रहा था....बड़े प्यार सेमुझे नहलाया जा रहाथा....ना जानेथा वो कौन सा अजब खेलमेरे घरमें....बच्चो की तरह मुझेकंधे पर उठाया जा रहाथा....था पास मेरा हर अपनाउसवक़्त....फिर भी मैं हर किसी केमनसेभुलाया जा रहा था...जो कभी देखतेभी न थे मोहब्बत कीनिगाहोंसे....उनके दिल से भी प्यार मुझपरलुटाया जा रहा था...मालूम नही क्योंहैरान था हर कोई मुझेसोतेहुएदेख कर....जोर-जोर से रोकर मुझेजगाया जा रहा था...काँप उठीमेरी रूह वो मंज़रदेखकर.....जहाँ मुझे हमेशा केलिएसुलाया जा रहा था.....मोहब्बत कीइन्तहा थी जिन दिलों मेंमेरेलिए.....उन्हीं दिलों के हाथों,आज मैं जलाया जा रहा था!!! 🍁🍂🍁🍂🍁🍂🍁🍂    👌 लाजवाब लाईनें👌🍁🍂🍁🍂🍁🍂🍁🍂मिली थी जिन्दगी      किसी के 'काम' आने के लिए..           पर वक्त बीत रहा है     कागज के टुकड़े कमाने के लिए..                           क्या करोगे इतना पैसा कमा कर..? ना कफन मे 'जेब' है ना कब्र मे 'अलमारी..'       और ये मौत के फ़रिश्ते तो            'रिश्वत' भी नही लेते...  ➖➖➖➖➖➖➖

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