रविवार, 12 जून 2016

धीरे धीरे पढना खूब पसंद आएगा ...👌मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मागना क्योकि मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी भर का.....👌मशवरा तो खूब देते हो"खुश रहा करो" कभी कभी वजह भी दे दिया करो...👌कल एक इन्सान रोटी मांगकर ले गया और करोड़ों कि दुआयें दे गया, पता ही नहीँ चला की, गरीब वो था की मैं.... 👌गठरी बाँध बैठा है अनाड़ीसाथ जो ले जाना था वो कमाया ही नहीं👌मैं उस किस्मत का सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ, वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए....👌जिस घाव से खून नहीं निकलता, समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है..👌बचपन भी कमाल का थाखेलते खेलते चाहें छत पर सोयें या ज़मीन पर, आँख बिस्तर पर ही खुलती थी...👌खोए हुए हम खुद हैं, और ढूंढते भगवान को हैं...👌अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है की,माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये....👌जिन्दगी तेरी भी, अजब परिभाषा है..सँवर गई तो जन्नत, नहीं तो सिर्फ तमाशा है...👌खुशीयाँ तकदीर में होनी चाहिये, तस्वीर मे तो हर कोई मुस्कुराता है...👌ज़िंदगी भी विडियो गेम सी हो गयी है  एक लैवल क्रॉस करो तो अगला लैवल और मुश्किल आ जाता हैं.....👌इतनी चाहत तो लाखो रु पाने की भी नही होती, जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है.......👌हमेशा छोटी छोटी गलतियों से बचने की कोशिश किया करो , क्योंकि इन्सान पहाड़ो से नहीं पत्थरों से ठोकर खाता है ..🙏🌹🙏

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