शुक्रवार, 17 जून 2016

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः | गुरुर्साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः || ध्यानमूलं गुरुर्मूर्ति पूजामूलं गुरोः पदम् | मंत्रमूलं गुरोर्वाक्यं मोक्षमूलं गुरोः कृपा || अखंडमंडलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् | तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः ||


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