गुरुवार, 9 जून 2016

Jai shri krishna भगवान् श्री कृष्ण जी के 51 नाम और उन के अर्थ:.....1 कृष्ण : सब को अपनी ओर आकर्षित करने वाला.।****2 गिरिधर: गिरी: पर्वत ,धर: धारण करने वाला। अर्थात गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले।****3 मुरलीधर: मुरली को धारण करने वाले।****4 पीताम्बर धारी: पीत :पिला, अम्बर:वस्त्र। जिस ने पिले वस्त्रों को धारण किया हुआ है।****5 मधुसूदन: मधु नामक दैत्य को मारने वाले।****6 यशोदा या देवकी नंदन: यशोदा और देवकी को खुश करने वाला पुत्र।****7 गोपाल: गौओं का या पृथ्वी का पालन करने वाला।****8 गोविन्द: गौओं का रक्षक।****9 आनंद कंद: आनंद की राशि देंने वाला।****10 कुञ्ज बिहारी:कुंज नामक गली में विहार करने वाला।****11 चक्रधारी: जिस ने सुदर्शन चक्र या ज्ञान चक्र या शक्ति चक्र को धारण किया हुआ है।****12 श्याम: सांवले रंग वाला।****13 माधव: माया के पति।****14 मुरारी:मुर नामक दैत्य के शत्रु।****15 असुरारी:असुरों के शत्रु।****16 बनवारी: वनो में विहार करने वाले।****17 मुकुंद: जिन के पास निधियाँ है।****18 योगीश्वर: योगियों के ईश्वर या मालिक।****19 गोपेश :गोपियों के मालिक।****20 हरि :दुःखों का हरण करने वाले।****21 मदन:सूंदर।****22 मनोहर:मन का हरण करने वाले।****23 मोहन:सम्मोहित करने वाले।****24 जगदीश:जगत के मालिक।****25 पालनहार:सब का पालन पोषण करने वाले।****26 कंसारी:कंस के शत्रु।****27 रुख्मीनि वलभ:रुक्मणी के पति ।****28 केशव: केशी नाम दैत्य को मारने वाले. या पानी के उपर निवास करने वाले या जिन के बाल सुंदर है।****29 वासुदेव:वसुदेव के पुत्र होने के कारन।****30 रणछोर:युद्ध भूमि स भागने वाले।****31 गुड़ाकेश: निद्रा को जितने वाले।****32 हृषिकेश: इन्द्रियों को जितने वाले।****33 सारथी: अर्जुन का रथ चलने के कारण।*******35 पूर्ण परब्रह्म::देवताओ के भी मालिक।****36 देवेश: देवों के भी ईश।****37 नाग नथिया: कलियाँ नाग को मारने के कारण।****38 वृष्णिपति: इस कुल में उतपन्न होने के कारण****39 यदुपति:यादवों के मालिक।****40 यदुवंशी: यदु वंश में अवतार धारण करने के कारण।****41: द्वारकाधीश:द्वारका नगरी के मालिक।****42: नागर:सुंदर।****43 छलिया:छल करने वाले।****44 मथुरा गोकुल वासी:इन स्थानों पर निवास करने के कारण।****45 रमण: सदा अपने आनंद में लीन रहने वाले।****46 दामोदर: पेट पर जिन के रस्सी बांध दी गयी थी। ****47 अघहारी: पापों का हरण करने वाले।****48 सखा: अर्जुन और सुदामा के साथ मित्रता निभाने के कारण।****49 रास रचिया: रास रचाने के कारण।****50 अच्युत: जिस के धाम से कोई वापिस नही आता है।****51 नन्द लाला:नन्द के पुत्र होने के कारण।! जय श्री कृष्णा।........

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